प्यारे दोस्तों !

यह ब्लॉग मेरे द्वारा रचित कविताओं का संग्रह है | आशा है आपको मेरी कलम से लिखी ये पंक्तियाँ पसंद आएँगी | आपके द्वारा किये गए कमेंट्स मेरे लिए विशेष होंगे |................धन्यवाद !

22 November 2017

ये यादें बड़ी अजीब होती है...

यें यादें बड़ी अजीब होती है,
खुद भी जागती है, ना मुझे सोने देती है ||
जो मैं हँसता हूँ तो खिल-खिला जाती है,
और जो मैं रोता हूँ तो मुरझा सी जाती है ||
बचने के लिए ढूढंता हूँ, एक छाता अपने लिए,
पर ये बारिश है मनमानी सी,
भिगोती ही भिगोती है ||
अब कौन सा पर्दा डालू, मैं अपने ऊपर,
ये वो कालीन है जो,
हर कदम बिछी ही होती है ||